Wednesday, 30 April 2014

प्रेम का असर

एक दिन एक चोर किसी महिला के कमरे में घुस गया. महिला अकेली थी, चोर ने छुरा दिखाकर कहा - "अगर तू शोर मचाएगी तो मैं तुझे मार डालूंगा."

महिला बड़ी भली थी वह बोली - "मैं शोर क्यों मचाऊंगी? तुमको मुझसे ज्यादा चीजों की जरूरत है. आओ, मैं तुम्हारी मदद करूंगी."

उसके बाद उसने अलमारी का ताला खोल दिया और एक-एक कीमती चीज उसके सामने रखने लगी. चोर हक्का-बक्का होकर उसकी ओर देखने लगा. स्त्री ने कहा - "तुम्हें जो-जो चाहिए खुशी से ले जाओ, ये चीजें तुम्हारे काम आएंगी. मेरे पास तो बेकार पड़ी हैं."

थोड़ी देर में वह महिला देखती क्या है कि चोर की आंखों से आंसू टपक रहे हैं और वह बिना कुछ लिए चला गया. अगले दिन उस महिला को एक चिट्ठी मिली. उस चिट्ठी में लिखा था -- 'मुझे घृणा से डर नहीं लगता. कोई गालियां देता है तो उसका भी मुझ पर कोई असर नहीं होता. उन्हें सहते-सहते मेरा दिल पत्थर-सा हो गया है, पर मेरी प्यारी बहन, प्यार से मेरा दिल मोम हो जाता है. तुमने मुझ पर प्यार बरसाया. मैं उसे कभी नहीं भूल सकूंगा.'

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