बचपन में मेरी माँ मुझे एक कविता सुनाती थी. आज उसी कहानी का विडियो मिल गया. सोचा क्यों न आप लोगों से शेयर किया जाए? यह है तो बच्चों की कहानी पर है शिक्षाप्रद. आप भी पढ़िए कविता और देखिये ये मजेदार विडियो:
बैठा हुआ डाल पर बन्दर,
कांप रहा जाड़े में थर थर.
चिड़िया उसे लगी समझाने,
उसके ऐब लगी बतलाने.
जो मूर्ख तू मेहनत करता,
क्यों ऐसे जाड़े में मरता.
घर तू अगर बनाता अपना,
सुख से समय बिताता अपना.
बन्दर को फिर गुस्सा आया,
दांत किटकिटा आगे आया.
चिडियों को भी मार गिराया,
उनका घर भी तोड़ गिराया.
इसीलिए कहते हैं भैया,
मूर्ख को मत ज्ञान सिखाना,
जान बचा कर घर को जाना.
इसी कहानी पर बनी एक कहावत इस प्रकार है:
सीख उसी को दीजिये, जाको सीख सुहाय,
बन्दर को क्या सीख दे, घर बया का जाय.
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