Wednesday, 29 April 2015

तनाव के कहर से बचिये !!!



तनाव के कहर से बचिये !!!
आज अधिकांश लोग तनाव (stress) में जी रहे हैं।  आधुनिक युग की इस भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में हम शायद यह मान बैठे हैं, कि तनाव ज़िंदगी का एक अभिन्न अंग है।  परन्तु यह एक गलत मान्यता है। यदि हम तनाव की परिभाषा देखें तो हम पाएंगे कि किसी भी प्रकार के (आतंरिक या बाह्य) दबाव (प्रेशर) को सहन करने की जितनी कम क्षमता हमारे अंदर होगी, उतना ही हम तनाव महसूस करेंगे।

हम में से बहुत से व्यक्ति यह नहीं जानते हैं कि तनाव न केवल हमें अंदर ही अंदर खोखला करता रहता है, यह बहुत सी बीमारियों का कारण भी है।  आज अधिकतर बीमारियां मानसिक (सयकोसोमेटिक) श्रेणी में आती हैं। ज़रा एक नज़र उन बिमारियों पर डालते हैं जो तनाव के कारण हो सकती हैं।
ह्रदय रोग, हाइपरटेंशन (ब्लड-प्रेशर), माइग्रेन, अलसर्स, कमर का दर्द, पाचन सम्बन्धी बीमारियां, डायबिटीज़ (Sugar), कैंसर, त्वचा रोग, बुढ़ापे के लक्षण (aging) आदि। 

और केवल इतना ही नहीं, तनाव आज हमारे रिश्तों, दांपत्य जीवन, पारिवारिक संबंधों,सामाजिक एवं व्यावसायिक जीवन पर भी बहुत बुरा असर डालता है।

जब हम जानते हैं कि, किसी भी प्रकार के बाह्य दबाव (प्रेशर) पर हमारा कोई वश नहीं चलता।  तो हमारे पास केवल एक ही मार्ग बचता है और वह यह है कि हम अपनी आतंरिक शक्ति का विकास करें।  शायद आप यह नहीं जानते कि किसी भी प्रकार की औषधियों के
बिना भी हम "तनाव-मुक्त जीवन जी सकते हैं। कैसे ?जानने के लिए आइये इस सेमिनार में "तनाव युक्त या तनावमुक्त जीवन - फैसला आपका"

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