एक 60 वर्ष से भी अधिक उम्र के व्यक्ति को लोग प्यार से दादा बुलाते थे. उनकी एक अनोखी आदत थी, हमेशा मुस्कुराते रहना. चाहे कैसी भी विषम से विषम परिस्थिति हो उनके होठों पर हमेशा वही जानी पहचानी मुस्कराहट खेलती रहती थी. लोग उन्हें देख कर हैरान हो जाते कि चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, कैसे यह व्यक्ति हर हाल में खुश रहता है?
एक बार एक व्यक्ति उनके पास आया और बोला दादा आपसे एक बात पूछनी है. उन्होंने कहा, पूछो. वह व्यक्ति दादा से बोला, मैं पिछले कई सालों से आपको जानता हूँ. आप कैसे भी उतार चढ़ाव, कैसी भी परिस्थिति में कैसे हमेशा इतने खुश रह पाते हैं? आपका तो व्यापार भी काफी बड़ा है, उसमें भी तरह तरह की परेशानियां हर रोज आपको आती होंगी. फिर भी आप हमेशा खुश रहते हैं, मुस्कुराते रहते हैं. कैसे?
दादा ने कहा अरे बस इतनी सी बात? जिन्दगी हमें दो आप्शन देती है, या तो खुश रहो या दुखी रहो. मैं प्रतिदिन सुबह उठते ही अपने आप से एक सवाल करता हूँ. आज मुझे खुश रहना है या दुखी रहना है? मेरा मन क्या उत्तर देता होगा यह तुम समझ सकते हो. और ऐसा करते करते अब मेरी आदत बन चुकी है कि मैं हमेशा खुश रहता हूँ, मुस्कुराता रहता हूँ.
उनका उत्तर सुन कर वह व्यक्ति मन ही मन सोचने लगा कि दादा शायद मुझे अपनी हमेशा खुश रहने की आदत का रहश्य बताना नहीं चाहते.
कुछ दिन बाद अचानक दादा एक दुर्घटना का शिकार हो गए. वही व्यक्ति उनका हाल चाल जानने हॉस्पिटल पहुंचा. उसे देखते ही दादा ने मुस्कुराते हुए कहा, "मुझे पता है, तुम क्या सोच रहे हो? तुम यही जानना चाहते हो ना कि दुर्घटना का शिकार होने के बाद भी, मैं कैसे मुस्कुरा रहा हूँ?"
उस व्यक्ति ने हां में गर्दन हिलाई.
दादा बोले, "देखो दुर्घटना के बाद जब मुझे पता चला कि मेरी हालत बहुत नाजुक है और मेरा ऑपरेशन किया जाएगा. डॉक्टर ने यह भी बताया कि मेरे बचने की उम्मीद बहुत कम है, तो मेरे सामने दो ही रास्ते थे. या तो मैं अपनी इच्छाशक्ति को बनाए रखूं और जिंदा रहूँ, या अपने आप को भाग्य भरोसे छोड़ दूं. मैंने डॉक्टर से कहा कि अभी तो मैं बहुत वर्षों तक जीना चाहता हूँ, यही सोच कर मेरा ऑपरेशन करें. डॉक्टर भी मेरी बात सुन कर बहुत उत्साहित हो गया, उसने मन लगा कर मेरा ऑपरेशन किया और देखो मैं अब ठीक हूँ."
लोग यह देख कर हैरान थे कि दुर्घटना के कुछ ही दिन बाद दादा मुस्कुराते हुए हॉस्पिटल से घर आ गए.
देखा दोस्तों! खुश रहना कितना आसान है? सब कुछ हमारी सोच पर निर्भर करता है.
No comments:
Post a Comment