Tuesday 7 January 2014

ख़ुशी क्या है?

खुशी मन की एक अवस्था है. आप के अंदर ही वो जादूई शक्ति मौजूद है कि आप जो चाहे हासिल कर सकते हैं! यह सब आपके हाथ में है. खुशी, संतुष्टि और आनंद सब आपके भीतर ही छुपा हुआ है, जरूरत है केवल उसे ढूंढ निकालने की. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन हैं और किस अवस्था में हैं, यदि आप चाहें तो सकारात्मक सोच से खुशी को अपने अंदर ही महसूस कर सकते हैं.

कुछ लोग सोचते हैं कि यदि मुझे ये मिल जाए या मुझे वो हासिल हो जाए तो मैं खुश हो जाउंगा. लेकिन ऐसे व्यक्ति कभी भी खुश नहीं रह सकते जो अपने वर्तमान से असंतुष्ट हैं और सदैव भविष्य में ही अपनी खुशियां तलाश करते रहते हैं. जरूरत है तो केवल एक सकारात्मक रवैया अपनाने की और आप हमेशा संतुष्टि का अनुभव कर सकते हैं. कहीं भविष्य में खुशियां ढूढंने के चक्कर में आप अपना वर्तमान उदास और दुखी मन से ना गुजार दें! 

शायद आपको विश्वास नहीं होगा पर यह सच है कि; जैसा रवैया आप दूसरों के लिए अपनाते हैं वो आप को भी कहीं ना कहीं प्रभावित करता है. जो चीज़ आपको अच्छी लगती है वो उन्हे भी अच्छी लगेगी, जो बात आपको बुरी लगती है वो उन्हे भी लगेगी. अपने व्यवहार में थोड़ा सा बदलाव आपको ढेरों खुशियां दे सकता है. क्योंकि आपका आंतरिक दृष्टिकोण ही आपके अंदर सच्चे मायने में खुशी की भावना का एहसास कराता है.

जो व्यक्ति हमेशा नकारात्मक सोच लेकर चलते हैं वो कभी भी सच्ची खुशी का आनंद नहीं उठा सकते हैं. क्योंकि वो चाहे कुछ भी हासिल कर लें उन्हे हमेशा और अधिक पाने की इच्छा रहेगी और वो असंतुष्ट ही रहेंगे. वो केवल उदासीनता को ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं. उन्हे इस बात का एहसास भी नहीं होता और वो अपने नकारात्मक नज़रिये के कारण मिलती हुई खुशी को भी नज़रअंदाज कर देते हैं.

आप जैसा सोचते हैं और जैसा व्यवहार करते हैं वो घूम कर आपके पास ही वापस आता है. क्या खुशियों को आकर्षित किया जा सकता है? क्या दुख खिंचा चला आ सकता है? दोनो सवालों का जवाब हाँ ही है. दूसरों के साथ खुशिया बांटने से आप खुद के अंदर खुशी को महसूस कर सकते हैं. आप मानें या ना मानें, पर यदि आप दूसरों की बुरी लगने वाली बातो को नज़रअंदाज कर दें और सिर्फ यह सोचें कि मैं दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान हूँ, तो आप चाहे कुछ हो जाए सदैव खुश रहेंगे. केवल एक सकारात्मक सोच अपनाने की आवश्यकता है.

अपनी स्वार्थी इच्छाओं का त्याग कर दें और यह सोचना छोड़ दें कि आप ही सबकुछ हैं. और फिर देखें कि आपके इस ज़रा से बदलाव ने आपकी पूरी ज़िंदगी को ही बदल डाला है. खुशियां तो आपकी ओर आकर्षित हुए बिना रह ही नहीं सकती हैं, क्योंकि आपके भीतर महसूस होने वाली खुशी के लिए आपका मन ही जिम्मेदार है. तो आज से ही आनंद उठाना शुरू कर दें इस जादूई शक्ति का, बस अपने जीवन में एक सकारात्मक नज़रिया अपना कर!

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