Monday, 21 October 2013

रंग रूप में क्या रखा है? (Inspirational Hindi Short Story)

सुन्दरता अन्दर हो या बाहर? यह प्रश्न सम्भवतः सभी के मन में उठता है. लगभग हर इंसान बाहरी सुन्दरता को अधिक महत्व देता है. जबकि मन की सुन्दरता और इंसान के गुणों का बाहरी सुन्दरता से अधिक महत्व है. आप ही बताइये यदि कोई सुन्दर व्यक्ति मन का मैला हो या दुर्गुणों की खान हो तो वह आपको कैसा लगेगा? निश्चित तौर पर आप ऐसे किसी व्यक्ति को पसंद नहीं करेंगे. और कोई सुन्दर मन और सुन्दर विचारों वाला गुणी व्यक्ति चाहे कुरूप भी हो, तो भी सभी को अच्छा ही लगेगा. मिस-वर्ल्ड, मिस-यूनिवर्स आदि प्रतियोगिताओं में हम प्राय: देखते हैं कि विजेता युवतियां अधिकतर ज्यादा सुन्दर न होते हुए भी अपने अन्य गुणों के कारण प्रतियोगिता जीत जाती हैं.
यहाँ मै आपको एक छोटी सी कहानी सुनाना चाहता हूँ. एक आदमी गुब्बारे बेच कर गुजारा करता था. वह गाँव के आस-पास लगने वाली हाटों में जाता और गुब्बारे बेचता. बच्चों को लुभाने के लिए वह लालपीलेहरेनीले तरह-तरह के गुब्बारे रखता. और जब कभी उसे लगता की बिक्री कम हो रही है वह झट से एक गुब्बारा हवा में छोड़ देता, जिसे उड़ता देखकर बच्चे खुश हो जाते और गुब्बारे खरीदने के लिए आ जाते. इसी तरह तरह एक दिन वह हाट में गुब्बारे बेच रहा था और बिक्री बढाने के लिए बीच-बीच में गुब्बारे उड़ा रहा था. पास ही खड़ा एक छोटा बच्चा ये सब बड़ी जिज्ञासा के साथ देख रहा था. इस बार जैसे ही गुब्बारे वाले ने एक सफ़ेद गुब्बारा उड़ाया वह तुरंत उसके पास पहुंचा और मासूमियत से बोला,” अगर आप ये काल वाला गुब्बारा छोड़ेंगेतो क्या वो भी ऊपर जाएगा?”
गुब्बारा वाले ने थोड़े आश्चर्य के साथ उसे देखा और बोला, “हाँ बिलकुल जाएगा. बेटा गुब्बारे का ऊपर जाना इस बात पर नहीं निर्भर करता कि वो किस रंग का है बल्कि इसपर निर्भर करता है कि उसके अन्दर क्या है.
यह छोटे बच्चे और गुब्बारे वाले की कहानी साफ़ बताती है कि शारीरिक अथवा बाहरी सुन्दरता से अधिक महत्वपूर्ण हैं व्यक्ति के गुण और मन की सुन्दरता. इसलिए हमें अपनी बाहरी सुन्दरता से अधिक अपने मन की सुन्दरता और गुणों पर शारीरिक सुन्दरता से अधिक ध्यान देना चाहिए. यदि हम अन्दर से सुन्दर हैं, अर्थात यदि हमारे विचार सुन्दर हैं तो हर कोई, आज नहीं तो कल, हमें पसंद करेगा चाहे हम शारीरिक रूप से सुन्दर ना भी हों.

एक और बात शारीरिक सुन्दरता स्थाई न हो कर क्षण भंगुर होती है जब कि मन की सुन्दरता किसी व्यक्ति को सर्वप्रिय बना सकती है, उसे अमर कर सकती है. मन की सुन्दरता एवं अच्छे विचार ही हमारे व्यक्तित्व को आकर्षक बनाते हैं.

CA बी. एम्. अग्रवाल
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इस आर्टिकल में प्रयुक्त गुब्बारे वाले की कहानी मैंने कहीं पढ़ी थी.

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