Wednesday, 9 October 2013

हिम्मत करने वालों की कभी हार नही होती..

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती...
हिम्मत करने वालों की कभी हार नही होती...
नन्ही चींटीं जब दाना लेकर चढ़ती है...
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फ़िसलती है...
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है...
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना, ना अखरता है...
मेहनत उसकी बेकार हर बार नहीं होती...
हिम्मत करने वालों की कभी हार नही होती...
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है...
जा जा कर ख़ाली हाथ लौटकर आता है..
मिलते ना सहज ही मोती गहरे पानी में...
बढ़ता दूना विश्वास इसी हैरानी में...
मुट्ठी उसकी ख़ाली हर बार नहीं होती...
हिम्मत करने वालों की कभी हार नही होती...
असफलता एक चुनौती है... स्वीकार करो...
क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो...
जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम...
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम...
कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती...
हिम्मत करने वालों की कभी हार नही होती...
(हरिवंश राय बच्चन)

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