Monday, 14 October 2013

बड़ा काम छोटा काम (Inspirational Hindi Short Story)


एक गराज था जिसे अब्दुल नाम का मैकेनिक चलाता था. वैसे तो अब्दुल एक अच्छा आदमी था लेकिन उसके अन्दर एक कमी थी, वो अपने काम को बड़ा और दूसरों के काम को छोटा समझता था.

एक बार एक हार्ट सर्जन अपनी लक्ज़री कार लेकर उसके यहाँ सर्विसिंग कराने पहुंचे. बातों -बातों में जब अब्दुल को पता चला की कस्टमर एक हार्ट सर्जन है तो उसने तुरन्त पूछा, “ डॉक्टर साहब मैं ये सोच रहा था की हम दोनों के काम एक जैसे हैं… !”

एक जैसे, वो कैसे?” सर्जन ने थोडा अचरज से पूछा

देखिये जनाबअब्दुल कार के कौम्प्लिकेटेड इंजन पर काम करते हुए बोला, “ ये इंजन कार का दिल है, मैं चेक करता हूँ की ये कैसा चल रहा है, मैं इसे खोलता हूँ, इसके वाल्वस फिट करता हूँ, अच्छी तरह से सर्विसिंग कर के इसकी प्रोब्लम्स ख़तम करता हूँ और फिर वापस जोड़ देता हूँ आप भी कुछ ऐसा ही करते हैं ; क्यों?”

हम्मसर्जन ने हामी भरी.

तो ये बताइए की आपको मुझसे 10 गुना अधिक पैसे क्यों मिलते हैं, काम तो आप भी मेरे जैसा ही करते हैं?” अब्दुल ने खीजते हुए पूछा.

सर्जन ने एक क्षण सोचा और मुस्कुराते हुए बोला, “ जो तुम कर रहे हो उसे चालू इंजन पे कर के देखो, समझ जाओगे.

अब्दुल को इससे पहले किसी ने ऐसा जवाब नही दिया था, अब वह अपनी गलती समझ चुका था.

दोस्तों हर एक काम का अपना महत्व होता है, अपने काम को बड़ा समझना ठीक है पर दूसरों के काम को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए; हम औरों के काम के बारे में बस उपरी तौर पे जानते हैं लेकिन उसे करने में आने वाले challenges के बारे में हमें कुछ ख़ास नहीं पता होता. इसलिए किसी के काम को छोटा नहीं समझें और सभी का सम्मान करें.

No comments: