हमारे जीवन में
लक्ष्य निर्धारण (goal
setting) बहुत
ही महत्वपूर्ण है. इसी बात को विस्तार से समझाने के लिए यह एक और लेख अत्यावश्यक
था.
लक्ष्य-हीन
जीवन की तुलना गायों के एक ऐसे झुंड से की जा सकती है जिसके साथ कोई चरवाहा
नहीं है. चरवाहे के साथ गायों का झुंड एक पूर्व निर्धारित दिशा में जाता है, जबकि बिना चरवाहे के यही झुंड
चरने के लिए किसी भी दिशा में चला जाएगा, किसी के खेत में भी घुस जाएगा, सडकों पर आ जायेगा और इंसानों के लिए एक बाधा बन जाएगा क्योंकि उनका
मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं है. जिस प्रकार गायों के झुंड का मार्गदर्शन एक
चरवाहा करता है उसी प्रकार हमारे लक्ष्य हमारा मार्गदर्शन करते हैं.
लक्ष्य हमें अपने प्रयासों को एक निर्धारित दिशा में काम करते हुवे, हमें वह सब कुछ प्राप्त करने में सहायता करते हैं, जो कुछ हम जीवन में प्राप्त करना चाहते हैं. या यूँ कहिये कि लक्ष्य हमारी सफलता की रूपरेखा (blue-print) का कार्य करते है. जिस प्रकार किसी भी परियोजना (project) के लिए एक रूपरेखा का होना अनिवार्य है, ठीक उसी प्रकार हमारे जीवन में लक्ष्यों का होना.
लक्ष्य दो अलग-अलग
प्रकार के होते हैं, दीर्घकालिक (long-term) लक्ष्य और अल्पकालिक
(short-term) लक्ष्य. जब हम अपने
अल्पकालिक लक्ष्यों को पूरा कर रहे होते हैं, तो वास्तव में हम धीरे-धीरे अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों की और बढ़ रहे होते हैं.
लक्ष्य हमें अपनी
योजना के लिए सक्षम बनाता है, सहायता करता है. कोई
भी स्टूडेंट योजना-बद्ध तरीके से पढ़ाई करके ही शीर्ष स्थान प्राप्त करने में सक्षम
होते हैं. इसी प्रकार व्यापारी, उद्यमी, या अन्य लोग योजना-बद्ध तरीके से कार्य करके ही अपनी मनचाही मंज़िल प्राप्त
करते हैं. लक्ष्य निर्धारण, न केवल किसी उपलब्धि
की योजना बनाने में मदद करता है, बल्कि हमारी प्रगति
की निगरानी और मूल्यांकन करने में भी मदद करता है. युवा लोगों के लिए तो, जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए, यह एक स्प्रिंग-बोर्ड की तरह कार्य करता है. लक्ष्य निर्धारित करो, योजना बनाओ और जम्प-स्टार्ट करो.
लक्ष्य हमें सही दिशा में
आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन देते हैं. घर से जब हम ऑफिस जाने के लिए, या स्कूल
जाने के लिए निकलते हैं, तो वहां पहुंचना हमारा
लक्ष्य है और हम वहां पहुँच जाते हैं. अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं. वहीँ अगर
किसी व्यक्ति को घर से निकलते समय यही नहीं पता की उसे जाना कहाँ है, तो वह क्या
करेगा? व्यर्थ ही इधर-उधर घूम कर
समय और उर्जा नष्ट करेगा. इसी तरह इस जीवन में भी, एक लक्ष्य-हीन व्यक्ति का जीवन तो किसी तरह चलता रहेगा, पर जब कभी वह पीछे मुड़ कर देखेगा तो शायद उसे पछतावा हो कि उसने कुछ खास सफलता प्राप्त नहीं की. तो
देखा आपने की लक्ष्य हमें बताता है कि कौन सा कार्य हमारे लिए ज़रूरी है और कौनसा
नहीं. एक स्पष्ट लक्ष्य हमें सही दिशा निर्देश देता है. हम उसी के अनुसार योजना
बनाते हैं, और हमारा अवचेतन मन
(sub-conscious) हमें उसी योजना के
अनुसार कार्य करने की प्रेरणा देता है. और हम अपनी मंजिल प्राप्त कर लेते हैं.
यहाँ एक मजेदार बात यह है कि स्पष्ट लक्ष्य स्वयं ही हमें उसे (लक्ष्य को) प्राप्त
करने के रास्ते भी सुझाता है, और इस प्रकार हमें सही दिशा में बढ़ने में सहायता करता है.
लक्ष्य हमारे समय
एवं उर्जा (energy) की बचत करता है. हम सबको कुदरत ने यह दोनों ही चीजें एक सीमित मात्रा में दी हैं. हमारे लिए इनका उचित प्रयोग अनिवार्य है. लक्ष्य निर्धारण करके हम
अपनी उर्जा को एक सही दिशा में प्रवाहित करते हैं और हमारा समय भी बर्बाद होने से
बचता है. बहुत से व्यक्ति किसी मार्किट या मॉल में बेकार घूमते रहते हैं और अपना
समय एवं उर्जा दोनों बर्बाद करते हैं. यही नहीं, कभी-कभी कोई बेकार या अनावश्यक वस्तु खरीद कर अपना धन भी बर्बाद करते हैं.
वहीँ दूसरी और जब कोई व्यक्ति यह सोच कर बाज़ार जाता है कि उसे क्या खरीदना है, तो वह केवल उन
दुकानों पर जाता है जहां वह वस्तु मिलती है. इस प्रकार वह अपने समय एवं उर्जा, दोनों की बचत करता
है. यह दोनों ही व्यक्ति बराबर समय एवं उर्जा खर्च करते हैं, पर देखिये दोनों की
उत्पादकता (productivity) में कितना अंतर है.
लक्ष्य हमारी सफलता
या असफलता को मापने का कार्य करते हैं. बिना लक्ष्य के हम भला कैसे जानेंगे की हम
सफल हैं या असफल? सफलता का हर व्यक्ति
का अपना पैमाना होता है. वही पैमाना यह निर्धारित करता है कि वह व्यक्ति सफल है या
नहीं. मान लीजिये कि राजेश प्रतिमाह 2 लाख रुपये कमाता है. हो सकता है कि कुछ लोगों के विचार से राजेश एक सफल
व्यक्ति है. पर वहीँ यदि राजेश ने अपने लिए 10 लाख रुपये प्रतिमाह कमाने का लक्ष्य रखा हुआ है तो राजेश स्वयं को तब तक सफल
नहीं मानेगा जब तक वह इस स्तर पर नहीं पहुँच जाता.
कई बार हमारे सामने
विचित्र परिस्थितियां आ जाती हैं. एक ही समय में हमारे सामने एक से अधिक सुअवसर (opportunities) आ
जाती हैं जबकि हम अपनी प्राथमिकताओं (priorities), अपनी ज़रूरतों, अपनी मजबूरियों या
अन्य किसी कारण से उस समय उन सभी सुअवसरों का लाभ नहीं उठा सकते और हमें उनमें से
किसी एक को चुनना होता है. ऐसी विरोधाभास (confusion) की परिस्थिति से निकलने में हमारे लक्ष्य ही हमारी मदद करते हैं. अपने
लक्ष्यों की सहायता के बल पर हम यह निर्णय ले सकते हैं कि उनमें से हमारे लिए
सर्वोत्तम सुअवसर कौन सा है, हमें किस दिशा में जाना है.
लक्ष्य हमें प्रेरित
(motivated) रहने में सहायता
करते हैं. जब हम लक्ष्य निर्धारित करते हैं, कुछ प्राप्त करते हैं, तो अक्सर हम
उत्साहित (exited) हो जाते हैं. यह
उत्साह (excitement) हमें आगे बढ़ने के
लिए निरंतर प्रेरित करता रहता है. जब हम किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए
जाने का तैयार हो रहे होते हैं, तो अचानक ही हमें
वहां के खाने की खुशबु और स्वाद की अनुभूति होने लगती है. यह लक्ष्य निर्धारण से
भिन्न नहीं है. जब हम कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो हमें अक्सर वैसी ही
अनुभूति होने लगती है जैसी उस लक्ष्य के प्राप्त करने पर होगी. और यही वह जादू है
हो हमें प्रेरित (motivated) रखता है. सफलता का
हर पायदान (milestone) हमारी प्रेरणा को
लगातार बढाता जाता है हमारे लिए हमारी मंजिल पर पहुंचना और भी सुगम हो जाता है.
यदि आप सड़क-मार्ग द्वारा दिल्ली से जयपुर जा रहे हैं, तो अक्सर बहरोड़ (midway) पहुँचने पर जब जलपान
के लिए रुकते हैं, तो कैसा महसूस होता
है? जलपान के साथ साथ यह
भी अनुभूति होने लगती है कि अब जयपुर दूर नहीं. और हम से फिर जोश के साथ बाकी के
सफ़र के लिए चल पड़ते हैं. इसी प्रकार हमारे लक्ष्य हमें हमारे जीवन में प्रेरित
रखते हैं.
जब हम किसी यात्रा
पर जाते हैं, तो क्या नक्शों (maps) की सहायता नहीं लेते हैं? क्योंकि
हम यह चाहते हैं की हमारी यात्रा सुगम हो. हमें यात्रा में किसी प्रकार का कोई
कष्ट ना हो. पर कितने आश्चर्य की बात है कि हममें से कितने ही लोग जीवन रुपी इस
महत्वपूर्ण यात्रा के लिए कोई नक्शा (map) प्रयोग नहीं करते. हमारे लक्ष्य ही वह नक्शा है जो हमारी जीवन यात्रा को सुगम
बनाएगा और हमें अपनी मंजिल तक पहुँचाने में सहायता करेगा. क्योंकि लक्ष्य ही हमारे
जीवन को दिशा देते हैं.
यदि आप उचित लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो आप जीवन में जहाँ पहुंचना चाहते है, पहुँच जायेंगे. जो कुछ प्राप्त करना चाहते हैं, प्राप्त कर लेंगे और जो बनना चाहते हैं, बन जायेंगे.
अपने सपनों को साकार करने के लिये मेरे आर्टिकल्स पढ़ते रहिये, अपनी राय मुझे कमेंट्स के माध्यम से भेजते रहिये. तब तक के लिए शुभ-रात्रि, good-night, शब्बाखैर. - CA बी. एम्. अग्रवाल
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