दम्पत्ती इस सुन्सान इलाके में इस तरह किसी के रोज आने-जाने से कुछ परेशान हो गए और उन्होंने उसका पीछा करने का फैसला किया. अगले दिन जब वह उनके घर के सामने से गुजरा तो दंपत्ती भी अपनी गाडी से उसके पीछे-पीछे चलने लगे. कुछ दूर जाने के बाद वह एक पेड़ के पास रुक और अपनी साइकिल वहीँ कड़ी कर आगे बढ़ने लगा. १५-२० कदम चलने के बाद वह रुका और अपने फावड़े से ज़मीन खोदने लगा.
दम्पत्ती को ये बड़ा अजीब लगा और वे हिम्मत कर उसके पास पहुंचे, “तुम यहाँ इस वीराने में ये काम क्यों कर रहे हो?”
युवक बोला, “जी, दो दिन बाद मुझे एक किसान के यहाँ काम पाने के लिए जाना है, और उन्हें ऐसा आदमी चाहिए जिसे खेतों में काम करने का अनुभव हो, परन्तु मैंने पहले कभी खेतों में काम नहीं किया इसलिए यहाँ आकार खेतों में काम करने की प्रैक्टिस कर रहा हूँ!!” दम्पत्ती यह सुनकर काफी प्रभावित हुए और उसे काम मिल जाने का आशीर्वाद दिया.
किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए तैयारी बहुत ज़रूरी है. जिस कर्तव्य-निष्ठा (sincerity) के साथ युवक ने खुद को खेतों में काम करने के लिए तैयार किया कुछ उसी तरह हमें भी अपने-अपने क्षेत्र में सफलता के
लिए खुद को तैयार करना चाहिए।
यह कहानी मैंने इन्टरनेट पर कहीं पढ़ी थी.
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