Wednesday, 9 October 2013

स्पर्श (Inspirational Hindi Short Story)

एक जगह कुछ सामान नीलाम हो रहा था। सामान में एक पुराना सितार था। जब उस सितार की बोली लगने का नम्बर
आया तो आयोजकों ने सोचा कि इस सितार की बोली में समय नष्ट करना उचित नहीं, इस पुराने सितार को जो जितने
में भी ख़रीदे, बेच देना चाहिए।
 उसने फटाफट से सितार उठाया और बोला कि जल्दी से इसकी बोली लगाइये। पुराना सितार है इसलिए केवल दो सौ
रुपये से इसकी बोली शुरू की जा रही है। आयोजक यह घोषणा कर ही रहा था कि अचानक भीड़ में से निकलकर एक
व्यक्ति आगे आया और उसने सितार उठा लिया। उसने जेब से रूमाल निकाल कर सितार की धूल-मिट्टी साफ़ की
और फिर सलीके़ से उसे बजाने लगा। उसने सितार के तारों को छुआ ही था, कि सात स्वर वातावरण में बिखर गए।
वह काफी़ देर तक मस्ती में सितार बजाता रहा।
 जब संगीत थम गया तो आयोजक ने धीमी आवाज़ में कहा-हाँ तो ज़नाब, इस सितार की क्या की़मत होनी चाहिए?”
 “तीन हजा़र”-भीड़ में से आवाज़ आई  बोली बढ़ती गई और अंततः वह सितार दस हजार में बिका। पुराने से सितार

में सुर भरकर कलाकार ने उसकी की़मत पचास गुना बढा़ दी। यह है स्पर्श का महत्व!

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