भौंरा, भंवरा, भ्रमर, bumblebee, या शायद और भी कई नामों से इसे जाना जाता होगा. परन्तु एक
विचित्र किन्तु सत्य वास्तविकता से आज मैं आपका परिचय कराना चाहता हूँ. वैज्ञानिकों के अनुसार, क्योंकि भौंरे का शरीर बहुत भारी होता है और उसके पंख उसके शरीर की तुलना में बहुत
छोटे होते हैं, (उसके
शरीर के भार को संभालने में अक्षम) इसलिए Aerodynamically, भौंरा उड़ नहीं सकता.
लेकिन भौंरा उड़ता आया है, उड़ता रहता है और उड़ता रहेगा. क्योंकि उसे अपनी इस असमर्थता (अयोग्यता - inability) का पता ही नहीं होता. उसे अपनी शक्ति की सीमा का पता नहीं.
इसी प्रकार यदि हम दूसरों द्वारा निर्धारित या अपनी स्वनिर्धारित सीमाओं पर ध्यान देना छोड़ दें तो माह कुछ भी कर सकते हैं. असंभव को भी संभव कर सकते हैं. दो बच्चों वाली कहानी में जैसे छोटे बच्चे ने अपने मित्र को बचा लिया क्योंकि उसे अपनी शक्ति की सीमा पता नहीं थी.
कभी दुसरे लोग तो कभी हम स्वयं या फिर हमारी शिक्षा हमें सीमाओं में बाँध देते हैं और हम उन सीमाओं से बहार निकल कर कुछ करने का प्रयास ही नहीं करते.
हेनरी फोर्ड ने दुनिया को V8 इंजन दिया. वह बहुत औपचारिक शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाए थे. वास्तव में, वह 14 साल की उम्र के बाद स्कूल ही नहीं गए थे. उन्होंने सोचा कि एक वी 8 इंजन होना चाहिए. लेकिन यह बनेगा कैसे इस बात से वह वह अनभिज्ञ थे. ऐसे इंजन का निर्माण करने के लिए, अपने बहुत ही योग्य, शिक्षित लोगों से कहा. लेकिन वह सब बोले ऐस इंजन नहीं बन सकता. उनके मुताबिक, एक V8 एक असंभव सपना था. लेकिन हेनरी फोर्ड ने अपने वी 8 सपने पर जोर दिया. हर बार उनके लोगों ने कहा वी 8 असंभव है. परन्तु उसके बाद शीघ्र ही उन्हीं लोगों ने वी 8 इंजन का उत्पादन किया. ऐसा कैसे हुआ? वे अपनी कल्पना, शैक्षणिक सीमा से परे चले गए थे.
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