नमस्कार दोस्तों!
अपने पिछले लेख (जो लिखा है वह मिलेगा - या जो लिखोगे वह मिलेगा?) में मैंने आपसे कहा था, एक सुन्दर सी डायरी खरीद कर उसमे वह सब कुछ लिखें जो आप पाना चाहते है, कैसे पाना है यह आपको नहीं लिखना है. इस डायरी में सबसे पहले आपको पहले लक्ष्य (goals) लिखने है. और (लक्ष्य क्यों, क्या, कैसे निर्धारित करें?) लेख में लक्ष्य कसे होने चाहिए, बताया था. इस डायरी को आप कोई सुन्दर सा नाम भी दे सकते हैं. क्योंकि इसमें आपकी सफलता और उपलब्धियों की दास्तान लिखी जानी है. यहां हम इसे "सफलता की गाथा" नाम दे रहे हैं.
प्रथम चरण में
अपने लक्ष्यों को इस डायरी में लिख कर इसे किसी अलमारी या बुकशेल्फ में सजाना नहीं
है. बल्कि इन लक्ष्यों को सुबह शाम हर रोज़ नियम-पूर्वक पढना भी है. जैसे आप रोज़ के
दुसरे काम करते हैं, ठीक उसी तरह. दुसरे शब्दों में
हम यह भी कह सकते हैं कि आपको इन लक्ष्यों का रट्टा लगाना है. ठीक वैसे ही जैसे कई
स्टूडेंट्स एग्जाम से पहले लगाते हैं. हो सकता है कि आपको शुरू में यह थोड़ा
मुश्किल लगे, पर जब आपने ठान ही लिया है कि आपको अपने
लक्ष्य प्राप्त करने हैं, तो मुश्किल कुछ भी नहीं.
आप कहेंगे कि,
"लक्ष्यों को डायरी में लिखने और उनका रट्टा लगाने की क्या
ज़रूरत है? मुझे तो मेरे लक्ष्य दिमाग में ही याद
हैं." परन्तु दोस्तों! आप शायद यह नहीं जानते कि किसी भी मनुष्य के दिमाग में
दिन भर में यही कोई 60,000 विचार आते हैं.
इतने सारे विचारों के बीच, आपके लिए अपने लक्ष्यों को याद
रख पाना कितना मुश्किल होगा? विचारों की आंधी के बीच आपके
लक्ष्य कहाँ खो जायेंगे, पता भी नहीं चलेगा. क्योंकि आप
अपने लक्ष्यों को अच्छी तरह याद रख पायें, इसलिए
लक्ष्यों को लिखना ज़रूरी है. लिखने से अपने लक्ष्यों को लेकर आपकी खुद की clarity बढती है. इसीलिए लिखे हुए लक्ष्य, बिना लिखे लक्ष्यों से अधिक शक्तिशाली (powerful) होते हैं.
अब आप कहेंगे
कि जब लिखना ही है तो कहीं भी लिख लेंगे, किसी
कागज़ पर लिख कर या मोबाइल में लिख कर भी तो काम चल सकता है?
उत्तर है, नहीं. कागज़ की पर्ची इधर-उधर कहीं खो
जायेगी या अन्य कागजों में मिल जायेगी और जब ज़रुरत होगी तब मिलेगी नहीं. इसके
अलावा बिना डायरी के, समय समय पर आप अपनी तरक्की (growth)
की समीक्षा कैसे
कर पायेंगे? हां यहां एक चीज और आपकी मदद कर सकती है. वह है अपने
लक्ष्यों को डायरी के साथ-साथ, और अलग स्थानों पर भी लिखना. जैसे कि लैपटॉप के
वॉलपेपर पर, मोबाइल के वॉलपेपर पर, बाथरूम के दर्पण पर, वार्डरोब में, ऑफिस में अपने टेबल ग्लास
के नीचे या उन अन्य सभी स्थानों पर जहाँ बार-बार आपकी नज़र पड़ती है. बार-बार आप
अपने लक्ष्यों को देखेंगे, उनको पढेंगे तो उन्हें हर समय याद रखना आसान होगा. वो कहते
हैं ना, out
of sight, out of mind.
आपको अपने लक्ष्यों को लिख कर केवल रट्टा ही नहीं लगाना है, बल्कि अपनी अनुभूति में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए
देखना भी है. जब आप बार-बार अपने लक्ष्यों को पढेंगे तो ऐसी अनुभूति करना आसन हो
जायेगा. यह महसूस करने की कोशिस करें की आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर रहे हैं. आपको
अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करके कैसा लगेगा, कितनी ख़ुशी होगी? वैसा ही महसूस
करने की कोशिस करें. ऐसा करके आप जाने-अनजाने Law
of Attraction को अपने पक्ष (favour) में इस्तेमाल करेंगे. बार -बार एक ही चीज को प्राप्त करते हुए, अपने लक्ष्य की प्राप्ति की अनुभूति करने
से उसके हकीकत बनने के चांसेस कहीं अधिक बढ़ जाते हैं.
जब आप अपने लक्ष्यों को
लिखते हैं, तो उन पर आपका ध्यान बना रहता है. फोकस बना रहता है. और धीरे-धीरे आपका अवचेतन
मन (subconscious mind) आपके लक्ष्यों में विश्वास करने लगता है, उनको नकारना बंद कर देता
है. और आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करना आसान हो जाता है. इस बारे में हम विस्तार से
किसी और लेख में चर्चा करेंगे.
ज़रूरी नहीं है कि diary लिख कर आप 100% अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर ही पाएं. पर इतना ज़रूर है कि आपके सफल होने के चांस बढ़ जायेंगे .
निश्चित रूप से बहुत कुछ आपके एक्शन पर निर्भर करेगा.
आप अगर केवल डायरी में लिख कर रट्टा लगाते रहे और अपनी तरफ से कोई एक्शन नहीं किया
तो यह सारी प्रक्रिया बेकार है. यहां आपकी लिखी
डायरी आपको अपने लक्ष्य-प्राप्ति की दिशा में एक्शन लेने के लिए प्रेरित करेगी , इस तरह आपकी सफलता के चांस बढ़ जायेंगे.
सबसे बड़ी चुनौती इसमें विश्वास करने का है . चूँकि बचपन से आपने इस तरह लक्ष्यों को लिखकर प्राप्त करने के बारे में कभी नहीं सुना इसलिए आप शक कर सकते हैं कि ये काम करेगा भी या नहीं ? पर मेरा विश्वास कीजिये ये काम करेगा .
यह भी हो सकता है कि कि आप डायरी लिखने की शुरआत जोर -शोर से करें और फिर कुछ दिन बाद इसे भूल जाएँ. पर हर बार आपको इसे फिर से लिखना शुरू करना होगा , तभी आपको इसका लाभ मिल पायेगा.
ध्यान रखें कि आप इस डायरी को दीर्घ-कालिक लक्ष्यों (Long
term goals) के लिए प्रयोग करें , ऐसे लक्ष्य जिन्हें प्राप्त करने के लिए आपके पास पर्याप्त
समय हो .
जब आपके लक्ष्य स्पष्ट
होंगे, हमेशा आपके ध्यान में रहेगे, आपका अवचेतन मन आपके लक्ष्यों को स्वीकार करेगा, डायरी आपको लक्ष्य-प्राप्ति
की दिशा में कार्य करने, एक्शन लेने के लिए प्रेरित करेगी तो भला आप अपने लक्ष्य पर
कैसे नहीं पहुंचेंगे?
अपने सपनों को साकार करने के लिये मेरे आर्टिकल्स पढ़ते रहिये, अपनी राय मुझे कमेंट्स
के माध्यम से भेजते रहिये. तब तक के लिए शुभ-रात्रि, good-night, शब्बाखैर. - CA बी. एम्. अग्रवाल
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