एक शॉपिंग मॉल में कैशियर के पास एक 5 - 6 साल का बच्चा खड़ा था. उसके हाथ में एक सुन्दर गुड़िया थी जिसे वह खरीदना चाहता था. कैशियर ने बच्चे का पर्स देखते हुए बच्चे से कहा, "आपके पास इस गुड़िया को खरीदने के लिए
पर्याप्त (enough) पैसा नहीं है." फिर बच्चे ने खजांची को पूछा, क्या आपको यकीन है कि मेरे पर्स में पर्याप्त पैसा नहीं है?''
कैशियर ने एक बार फिर से नकदी की गिनती की और कहा, ''सॉरी! पर आप के पास गुड़िया खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है." बच्चा अभी भी हाथ में गुड़िया पकड़े हुए था. वहीँ मॉल में घूमते एक सज्जन ने यह सब देखा और बच्चे के पास आये. उन्होंने बच्चे से पूछा कि वह गुड़िया किसे देना चाहता था. "यह गुड़िया मेरी बहन को बहुत अच्छी लगी थी और वह इसे लेना चाहती थी. मैं उसके जन्मदिन के उपहार के रूप में उसे यह गुड़िया देना चाहता था. मेरी बहन भगवान के पास चली गई है. अब मैं यह गुड़िया अपनी माँ को देना चाहता हूँ, जिससे की वे यह गुड़िया मेरी बहन को दे सकें. मेरे पापा कहते हैं कि मेरी माँ भी बहुत जल्द भगवान के पास चली जाएगी." यह सब कहते हुए बच्चा बहुत उदास हो गया.
उन सज्जन को लगा उनके दिल के धड़कन रुक जायेगी. बच्चे ने उनकी तरफ देखते हुए कहा अंकल, "मैं पापा से कह कर आया हूँ, की वह माँ से मेरे वापस जाने तक माँ को रोके रखें." फिर उसने अपना एक हँसता हुआ फोटो उन सज्जन को दिखाया और कहा, "अपना यह फोटो भी मैं माँ के साथ, अपनी बहन को भेजना चाहता हूँ जिससे की वह मुझे याद रख सके. अंकल मैं अपनी माँ को भी बहुत प्यार करता हूँ और चाहता हूँ कि वह कभी भी मुझे छोड़ कर ना जाएँ. परन्तु पापा कहते हैं कि, माँ को मेरी बहन के साथ रहने के लिए भगवान के पास जाना होगा, क्योंकि मेरी बहन अभी बहुत छोटी है." कहने के बाद बहुत उदास आँखों से बच्चे ने गुड़िया को देखा.
वह सज्जन अवाक् (shocked) से यह सब सुनते रहे. वह अब तक सोच चुके थे कि उन्हें क्या करना है. उन्होंने कैशियर से बच्चे का पर्स लेते हुए कहा, "एक बार फिर से देखते हैं, तुम्हारे पास पूरे पैसे हैं या नहीं?" इसी बीच उन सज्जन ने, चुपके से, अपने कुछ पैसे बच्चे के पैसों में मिला दिए." 'ठीक है' बच्चा बोला.
अब उन सज्जन ने पैसे गिने तो वह गुड़िया की कीमत
से ज्यादा थे. बच्चा बहुत खुश हो गया.
आसमान की और देखते हुए बच्चे ने कहा, "मुझे काफी पैसा देने के लिए शुक्रिया भगवान! अब
मैं गुडिया के साथ साथ माँ के लिए सफ़ेद गुलाब भी खरीद सकूंगा. मेरी माँ को सफ़ेद गुलाब
बहुत पसंद हैं." फिर उसने उन सज्जन की और देखते हुए कहा, "अंकल कल रात सोने से पहले मैंने भगवान से कहा
था, कि वह मुझे गुड़िया के लिए पूरे पैसे देदे. ताकि मैं माँ के साथ बहन के लिए
गुड़िया भेज सकूं. मैंने सफ़ेद गुलाब के लिए पैसे नहीं मांगे थे. वरना भगवान् मुझे
लालची समझते."
गुड़िया और सफ़ेद गुलाब ले कर वह बच्चा चला गया. उन
सज्जन को याद आया, सुबह ही उन्होंने अखबार में पढ़ा था कि एक शराबी
ट्रक ड्राईवर ने एक कार को टक्कर मार दी. कार में एक युवा महिला के साथ एक छोटी बच्ची थी. बच्ची की दुर्घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी और महिला गंभीर रूप से घायल, हॉस्पिटल में है. उन्हें लगा कि वह खबर उस बच्चे की ही माँ
और बहन के बारे में ही है.
अगले दिन अखबार में उस महिला के निधन का समाचार
छपा था. वह सज्जन स्वयं को रोक नहीं पाए और सफ़ेद गुलाब का एक बुके ले कर उस महिला
को श्रद्धांजलि देने चले गए.
उस बच्चे की फोटो और गुड़िया उस महिला की छाती
पर रखी थी. हाथ में एक सुंदर सफेद गुलाब पकड़े, महिला का शव ताबूत में था. महिला को श्रद्धांजलि दे कर, आंसू भरी आंखों के साथ वह सज्जन वहाँ से चले गए. कितना प्यार था उस बच्चे
के दिल में अपनी माँ और बहन के लिए. इसका अंदाज़ा लगाना भी उनके लिए मुश्किल था, पर
साथ ही उस अनजान 'शराबी ट्रक-ड्राईवर' के लिए बेहिसाब गुस्सा एवं घृणा थी. एक हँसता-खेलता परिवार
देखते-देखते उस शराबी ड्राईवर के कारण उजड़ गया था.
कृपया शराब पी कर गाड़ी ना चलायें.
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